15 अगस्त से 30 नवंबर तक दिल्ली में डिस्परिन, ब्रूफेन, जैसी दवाओं की बिक्री पर रोक
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने 15 अगस्त से 30 नवंबर तक एस्पिरिन,
डिस्पिरिन, ब्रूफेन, वॉवरन जैसे नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इनफ्लेमैटरी दवाओं की
खुली बिक्री पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है। ये दवाएं तभी खरीदी जा
सकेंगी, जब किसी मान्यता डॉक्टर ने मरीज को इन दवाओं का सेवन करने की लिखित
सलाह दी हो।
सरकार ने यह पाबंदी लगाने का फैसला इसलिए किया है, क्योंकि विशेषज्ञों का कहना है कि इससे डेंगू मरीजों को खतरा पैदा हो सकता है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, केमिस्टों द्वारा नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इनफ्लेमैटरी दवाओं (एस्पिरिन, डिस्परिन, ब्रूफेन, वॉवरन इत्यादि) की बिक्री पर 15 अगस्त से 30 नवंबर तक पाबंदी होगी। किसी डॉक्टर की लिखित सलाह पर ही ये दवाएं बेची जा सकेंगी।
अधिकारी ने बताया कि डेंगू विशेषज्ञों के मुताबिक ये दवाएं हैमरेज के लक्षण पैदा कर सकती हैं और इससे डेंगू मरीजों की जान भी जा सकती है। शनिवार को एक समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शहर के सभी अस्पतालों के मेडिकल अधीक्षकों को निर्देश दिया के वे एनएस1 एंटीजेन डिटेक्शन किट खरीदें और डेंगू के मौसम के दौरान पर्याप्त संख्या में बिस्तरों का इंतजाम करें।
सरकार ने यह पाबंदी लगाने का फैसला इसलिए किया है, क्योंकि विशेषज्ञों का कहना है कि इससे डेंगू मरीजों को खतरा पैदा हो सकता है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, केमिस्टों द्वारा नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इनफ्लेमैटरी दवाओं (एस्पिरिन, डिस्परिन, ब्रूफेन, वॉवरन इत्यादि) की बिक्री पर 15 अगस्त से 30 नवंबर तक पाबंदी होगी। किसी डॉक्टर की लिखित सलाह पर ही ये दवाएं बेची जा सकेंगी।
अधिकारी ने बताया कि डेंगू विशेषज्ञों के मुताबिक ये दवाएं हैमरेज के लक्षण पैदा कर सकती हैं और इससे डेंगू मरीजों की जान भी जा सकती है। शनिवार को एक समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शहर के सभी अस्पतालों के मेडिकल अधीक्षकों को निर्देश दिया के वे एनएस1 एंटीजेन डिटेक्शन किट खरीदें और डेंगू के मौसम के दौरान पर्याप्त संख्या में बिस्तरों का इंतजाम करें।
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