परिवार नियोजन की जरूरत महसूस करें मुस्लिम: शिवसेना

शिवसेना ने आज एक विवादास्पद टिप्पणी में कहा कि देश में मुसलमानों की बढ़ती आबादी से भाषाई और भौगोलिक असंतुलन पैदा होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मुसलमान परिवार नियोजन की आवश्यकता को महसूस करें। शिवसेना का कहना है कि मुसलमानों के प्रत्युत्तर में हिन्दू आबादी बढ़ाना समाधान नहीं है और सभी धर्मों पर परिवार नियोजन कड़ाई से लागू करने के लिए ‘संघ’ को सरकार पर दबाव बनाना चाहिए।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा है कि साल 2002 से 2011 तक मुस्लिम आबादी में करीब 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और 2015 तक इसमें पांच से दस प्रतिशत तक का इजाफा और हो सकता है। बढ़ती आबादी से भाषाई, भौगोलिक और भावनात्मक असंतुलन पैदा होगा और इससे देश की एकता में दरार आएगी।
साथ ही ये भी कहा गया कि प्रधानमंत्री को मुसलमानों से स्पष्ट कहना चाहिए कि वो देश के कानून का पालन करें और परिवार नियोजन की आवश्यकता को स्वीकार करें। प्रधानमंत्री ने उन्हें वचन दिया था कि यदि वे आधी रात में भी आवाज लगाएंगे तो भी वह उनकी सहायता के लिए दौड़े आएंगे, लेकिन क्या मुस्लिम भी इस तरह दौड़ कर देश की सहायता करेंगे?
संपादकीय में ये भी कहा गया है कि देश को लोकपाल से अधिक समान नागरिक संहिता की आवश्यकता है। साथ ही शिवसेना का ये भी कहना है कि जो भी घर वापसी करना चाहते हैं, वो कर सकते हैं । हम इसका विरोध नहीं करते। लेकिन यह देश पर इस्लामी धावे को रोकने का समाधान नहीं है। पाकिस्तान में इस्लामी सत्ता है। यहां तक कि इराक जैसे देशों में भी इस्लामी सत्ता है।
शिवसेना के अनुसार उन देशों में मानव जीवन को बहुत अधिक सम्मान प्राप्त नहीं हो सका है। इसके विपरीत, आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने वाले तुर्कमेनिस्तान जैसे देश यूरोप और अमेरिका से स्पर्धा कर रहे हैं। मोदी सरकार को मुसलमानों का दरवाजा खटखटाना चाहिए और उन्हें इन तथ्यों से अवगत कराना चाहिए।

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