सुरक्षा की दृष्टि से भारत ने 15800 करोड़ का सौदा किया, 22 अपाशे अटैक हेलीकॉप्टरों और 15 शिनूक हैवी लिफ्ट हेलीकॉप्टरों को खरीदने की मंजूरी दी |
नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने अमेरिकी विमानन कंपनी बोइंग से 22 अपाशे अटैक हेलीकॉप्टरों और 15 शिनूक हेवी लिफ्ट हेलीकॉप्टरों की खरीदारी के सौदे को आज मंजूरी दे दी. इन हेलिकॉप्टरों को खरीदने की शुरुआत 2009 में हो गई थी। उस समय माना जा रहा था कि यह डील दिसंबर 2012 तक पूरी हो जाएगी। लेकिन तत्कालीन सरकार की लेटलतीफी और डिफेंस मिनिस्ट्री के बाद वित्त मंत्रालय से मंजूरी न मिलने के कारण डील में देरी होती चली गई। यही नहीं इसके चक्कर में कीमतों में 13 बार सुधार करना पड़ा।
अपाशे और शिनूक दोनों ही प्लेटफॉर्म का उपयोग अफगानिस्तान और इराक में युद्धक अभियानों में किया गया है। रूस ने अपना एमआई-28एन नाईट हंटर और एमआई-26 हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर की पेशकश की थी लेकिन अमेरिकी हेलीकॉप्टरों ने उन्हें चित कर दिया।
अमेरिका की तरफ से मिलने वाला अपाशे एएच 64डी लॉंगबो हेलीकॉप्टर सर्वाधिक आधुनिक मल्टी-रोल युद्धक हेलीकॉप्टर है। इसमें हर मौसम में रात में युद्धक अभियान संचालित करने की विशिष्टता है। यह एक मिनट से कम समय में 128 लक्ष्यों तक को चिह्नित कर सकता है और 16 लक्ष्यों पर निशाना साध सकता और बचाव कर सकता है। इसके अतिरिक्त, इसमें दुश्मन के रेडार से बचकर निकल जाने की क्षमता है। इसके सेंसर आधुनिक हैं और इसकी मिसाइलें दृश्य प्रकाश क्षेत्र से आगे की रोशनी में काम करती हैं। भारत हेलफायर मिसाइलें और राकेट भी हासिल करने वाला है।
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