अब 'आप' तक पहुंची आंच, ललित के लपेटे में आए राहुल मेहरा
सोशल मीडिया के जरिये प्रतिदिन नए खुलासे कर रहे आइपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी ने इस बार आम आदमी पार्टी (आप) को अपने लपेटे में लिया है। भाजपा और कांग्रेस के बीच मोदी से मिलीभगत को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल ही रहा था कि अब इसमें आप का नाम भी जुड़ गया है। मोदी ने एक ट्वीट के जरिये आप नेता राहुल मेहरा से अपने संबंधों को उजागर किया है। ललित मोदी ने दावा किया है कि राहुल मेहरा ने आइपीएल के दूसरे सत्र में उन्हें पत्र लिखकर सभी आठ स्टेडियम में फूड और बेवरेज के राइट्स मांगे थे।
ललित मोदी ने ट्विटर पर उस पत्र को भी अपलोड किया है, जिसे आप के पूर्व प्रवक्ता और हाई कोर्ट में दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसल मेहरा ने अक्तूबर 2008 में भेजा था। पत्र में मेहरा ने मोदी से 2003-04 से अपने गहरे रिश्ते का बखान करने के साथ ही उनकी तारीफों के पुल बांधे थे। उन्होंने कहा था कि लालफीताशाही और आपसी मतभेद के बावजूद उनमें खेल के प्रति जुनून और प्रगतिवादी तेवर हैं। ललित मोदी ने यह खुलासा ऐसे वक्त में किया है, जब आम आदमी पार्टी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनकी मदद का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग कर रही है।
राहुल मेहरा का जवाब
ललित मोदी के ट्वीट के जवाब में राहुल मेहरा ने ट्वीट में कहा कि ललित मोदी आपसे कोई शिकवा नहीं है। मैंने हमेशा से आइपीएल के रूप में एक बढिय़ा प्रॉडक्ट के लिए आपका नाम लिया है, लेकिन अब यह भयानक रूप से गलत रास्ते पर है। 2008 में आइपीएल शुरू ही हुआ था। शुक्र है कि हमें राइट्स नहीं मिले। उम्मीद है कि आप अभी और खुलासा करेंगे। जब आप क्रिकेट में नहीं थे, तब बीसीसीआइ को कोर्ट में ले गया था।
आप ने किया किनारा
आम आदमी पार्टी ने राहुल मेहरा से किनारा कर लिया है। पार्टी नेता कुमार विश्वास का कहना है कि राहुल मेहरा संगठन में किसी पद पर नहीं हैं। अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो वह दंड के भागी हैं। अगर नहीं किया तो छूट के भागी हैं, लेकिन उनका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। वह सिर्फ एक लीगल पद पर हैं।
विदेश मंत्रालय ने आरटीआइ के तहत जानकारी देने से किया इंकार
ललित मोदी प्रकरण में विपक्ष की आलोचना से घिरीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के मंत्रालय ने पूर्व आइपीएल प्रमुख के पासपोर्ट के संबंध में जानकारी देने से इंकार किया है। हरियाणा के रायो नाम के व्यक्ति ने विदेश मंत्रालय से आरटीआइ के तहत सात सवालों का जवाब देने को कहा था। आवेदन में पूछा गया कि मोदी का पासपोर्ट बहाल करने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं करने का फैसला किसका था। विदेश मंत्रालय ने 26 जून के अपने जवाब में कहा कि आपकी आरटीआइ में क्रम संख्या एक से तीन तक के सवाल आरटीआइ कानून 2005 के दायरे में नहीं आते हैं। क्रम संख्या चार से सात तक के प्रश्नों के बारे में विदेश मंत्री कार्यालय के पास कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। विदेश मंत्रालय ने हालांकि कहा कि आवेदन उसके महावाणिज्यदूत, पासपोर्ट और वीजा संभाग तथा वित्त एवं गृह मंत्रालय के पास भेजा गया है।
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