नियुक्ति को लेके दिल्ली सरकार की बेबाबसि
दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) नजीब जंग ने बुधवार को दिल्ली महिला आयोग के
अध्यक्ष के तौर पर स्वाति मालीवाल की नियुक्ति को अवैध करार दिया। इस दौरान
एलजी ऑफिस की ओर से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे एक पत्र में कहा
गया,‘दिल्ली में एलजी की सरकार है। गृहमंत्रालय द्वारा जुलाई 2002 को जारी
एक अधिसूचना के अनुसार, दिल्ली में सरकार का मतलब एलजी ही होता है।’
मालीवाल की नियुक्ति पर उठाए सवाल: असल में एलजी नजीब जंग ने स्वाति मालीवाल की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। सीएम को लिखे खत में एलजी की ओर से कहा गया है कि पहले भी महिला आयोग में नियुक्ति उनकी मंजूरी के बाद ही होती रही है। जनवरी-2014 में ‘आप’ सरकार ने तत्कालीन आयोग अध्यक्ष बरखा सिंह को हटाने और नई अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए फाइल उनके पास भेजी थी। मालीवाल को अध्यक्ष बनाने से पहले उनसे मंजूरी नहीं ली गई इसलिए इस नियुक्ति की कोई कानूनी वैधता नहीं है।
28 जुलाई तक मांगा जवाब: स्वाति को दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने संबंधी दिल्ली सरकार की अधिसूचना को लेकर एलजी ने सरकार के समाज कल्याण विभाग के सचिव से 28 जुलाई तक जवाब मांगा है। सचिव से पूछा गया है कि नियुक्त के आदेश किन नियम-कानून के दायरे में जारी किए गए हैं। यदि इस प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन हुआ है तो इसकी जानकारी भी दी जाए।
पत्र के साथ एक आदेश भी संलग्न है। ये आदेश 2009 और 2014 में जारी किए गए थे। इसमें साफ किया गया है कि नियुक्ति के नए आदेश जारी करने से पूर्व एलजी की अनुमति जरूरी है।
मालीवाल की नियुक्ति पर उठाए सवाल: असल में एलजी नजीब जंग ने स्वाति मालीवाल की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। सीएम को लिखे खत में एलजी की ओर से कहा गया है कि पहले भी महिला आयोग में नियुक्ति उनकी मंजूरी के बाद ही होती रही है। जनवरी-2014 में ‘आप’ सरकार ने तत्कालीन आयोग अध्यक्ष बरखा सिंह को हटाने और नई अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए फाइल उनके पास भेजी थी। मालीवाल को अध्यक्ष बनाने से पहले उनसे मंजूरी नहीं ली गई इसलिए इस नियुक्ति की कोई कानूनी वैधता नहीं है।
28 जुलाई तक मांगा जवाब: स्वाति को दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने संबंधी दिल्ली सरकार की अधिसूचना को लेकर एलजी ने सरकार के समाज कल्याण विभाग के सचिव से 28 जुलाई तक जवाब मांगा है। सचिव से पूछा गया है कि नियुक्त के आदेश किन नियम-कानून के दायरे में जारी किए गए हैं। यदि इस प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन हुआ है तो इसकी जानकारी भी दी जाए।
पत्र के साथ एक आदेश भी संलग्न है। ये आदेश 2009 और 2014 में जारी किए गए थे। इसमें साफ किया गया है कि नियुक्ति के नए आदेश जारी करने से पूर्व एलजी की अनुमति जरूरी है।
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