क्या पैकेट पर लिखा लेबल आपको दे रहा है सही जानकारी?
वैसे तो हम सभी जानते हैं कि बाज़ार में मिलने वाला खाना सेहत के
लिए अच्छा नहीं होता, लेकिन एक नए अध्ययन के अनुसार पैकेट के ऊपर लिखे लेबल
पर जानकारी उपभोक्ता को उलझन में डाल देती है।
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ बिर्मिंघम की प्रमुख शोधकर्ता शीना लीक ने डेली मेल को बातया, 'विक्रेताओं और निर्माताओं द्वारा दिए जाने वाले लेबल उपभोक्ता को कई कारणों से उलझन में डाल देते हैं। हर एक पैकेट पर लिखी जानकारी जैसे नमक, चीनी, कैलोरी, फैट, सैचुरेटेड फैट, कलर स्कीम और एक बार में कितना ग्राम परोसा जा रहा है आदि चीजें सिर्फ व्यक्ति में भ्रम पैदा करती हैं कि फलां उत्पाद उसकी सेहत के लिए ठीक है।'
अध्ययन के दौरान 30 उपभोक्ताओं से बात करने पर पता चला कि कम जानकारी होने के कारण वे नहीं जानते कि एक स्वस्थ डाइट कैसे ली जा सकती है। जब प्रतिभागियों से लेबल पर लिखी जानकारी को पढ़ते हुए स्वस्थ उत्पाद उठाने को कहा गया तो सात में से एक ही सही निर्णय पाया गया।
यह अध्ययन जरनल ऑफ कस्टमर बिहेवियर में प्रकाशित हुआ था।
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ बिर्मिंघम की प्रमुख शोधकर्ता शीना लीक ने डेली मेल को बातया, 'विक्रेताओं और निर्माताओं द्वारा दिए जाने वाले लेबल उपभोक्ता को कई कारणों से उलझन में डाल देते हैं। हर एक पैकेट पर लिखी जानकारी जैसे नमक, चीनी, कैलोरी, फैट, सैचुरेटेड फैट, कलर स्कीम और एक बार में कितना ग्राम परोसा जा रहा है आदि चीजें सिर्फ व्यक्ति में भ्रम पैदा करती हैं कि फलां उत्पाद उसकी सेहत के लिए ठीक है।'
अध्ययन के दौरान 30 उपभोक्ताओं से बात करने पर पता चला कि कम जानकारी होने के कारण वे नहीं जानते कि एक स्वस्थ डाइट कैसे ली जा सकती है। जब प्रतिभागियों से लेबल पर लिखी जानकारी को पढ़ते हुए स्वस्थ उत्पाद उठाने को कहा गया तो सात में से एक ही सही निर्णय पाया गया।
यह अध्ययन जरनल ऑफ कस्टमर बिहेवियर में प्रकाशित हुआ था।
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