भारत-चीन संयुक्त सैन्य अभ्यास हैंड-इन-हैंड 2015
भारत-चीन संयुक्त सैन्य अभ्यास हैंड-इन-हैंड 2015 कुनमिंग सैन्य अकादमी, युन्नान, चीन में 12 से 23 अक्तूबर, 2015 तक आयोजित किया जायेगा।
इस अभ्यास में एक संयुक्त प्रशिक्षण के अन्तर्गत दोनों राष्ट्रों की पैदल सेना उप-इकाई की टुकडि़यां तथा सेनाओं के गठन मुख्यालय हिस्सा लेंगे। हैंड-इन-हैंड श्रृंखला, जो कि वर्ष 2007 में शुरु हुई थी, में यह पांचवां अभ्यास होगा। यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच अंतरसंक्रियता तथा सहयोग का दायरा तो मज़बूत तथा विस्तृत करेगा ही, साथ ही, दोनों सेनाओं के बीच कई अन्य संबंधों में भी इज़ाफ़ा करेगा। गत वर्षों के दौरान, दोनों देशों ने संयुक्त प्रशिक्षण का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाने का फैसला लिया है। 12 दिन चलने वाला ये अभ्यास उप-इकाई स्तर पर विद्रोह तथा संबंधित मुद्दों के संयुक्त प्रबंधन पर ज़ोर देगा, जबकि मानवीय सहायता तथा आपदा राहत पर गठन मुख्यालय के स्तर पर चर्चा की जायेगी।
दोनों देशों के स्टाफ़ अधिकारी खुफि़या जानकारी प्राप्त करने तथा इसका मिलान करने और संयुक्त रणभूमि प्रशिक्षण संघटकों को उपयुक्त परिचालन आदेश जारी करने हेतु अच्छा तालमेल बनाकर काम करेंगे, जो कि इन आदेशों को मैदान में कार्यान्वित करेंगे। अभ्यास का पाठ्यक्रम क्रमवार ढंग से नियोजित किया गया है, जिसमें सहभागी शुरु में एक-दूसरे के देशों की सेनाओं की संगठनात्मक संरचना, हथियार, उपकरण तथा सामरिक अभ्यासों से परिचित होंगे। इसके बाद, दोनों देशों की सेनाओं के संयुक्त सामरिक अभ्यास युद्ध प्रशिक्षण की रिहर्सल की जायेगी।
संयुक्त अभ्यास के अंत में दोनों सेनाओं द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष एक समेकन एवं सत्यापन व्यायाम भी प्रस्तुत किया जायेगा, जिसके तहत दोनों राष्ट्रों की टुकडि़यां उप-इकाई स्तर के आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन प्रशिक्षण प्रस्तुत करेंगी।
इस अभ्यास में एक संयुक्त प्रशिक्षण के अन्तर्गत दोनों राष्ट्रों की पैदल सेना उप-इकाई की टुकडि़यां तथा सेनाओं के गठन मुख्यालय हिस्सा लेंगे। हैंड-इन-हैंड श्रृंखला, जो कि वर्ष 2007 में शुरु हुई थी, में यह पांचवां अभ्यास होगा। यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच अंतरसंक्रियता तथा सहयोग का दायरा तो मज़बूत तथा विस्तृत करेगा ही, साथ ही, दोनों सेनाओं के बीच कई अन्य संबंधों में भी इज़ाफ़ा करेगा। गत वर्षों के दौरान, दोनों देशों ने संयुक्त प्रशिक्षण का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाने का फैसला लिया है। 12 दिन चलने वाला ये अभ्यास उप-इकाई स्तर पर विद्रोह तथा संबंधित मुद्दों के संयुक्त प्रबंधन पर ज़ोर देगा, जबकि मानवीय सहायता तथा आपदा राहत पर गठन मुख्यालय के स्तर पर चर्चा की जायेगी।
दोनों देशों के स्टाफ़ अधिकारी खुफि़या जानकारी प्राप्त करने तथा इसका मिलान करने और संयुक्त रणभूमि प्रशिक्षण संघटकों को उपयुक्त परिचालन आदेश जारी करने हेतु अच्छा तालमेल बनाकर काम करेंगे, जो कि इन आदेशों को मैदान में कार्यान्वित करेंगे। अभ्यास का पाठ्यक्रम क्रमवार ढंग से नियोजित किया गया है, जिसमें सहभागी शुरु में एक-दूसरे के देशों की सेनाओं की संगठनात्मक संरचना, हथियार, उपकरण तथा सामरिक अभ्यासों से परिचित होंगे। इसके बाद, दोनों देशों की सेनाओं के संयुक्त सामरिक अभ्यास युद्ध प्रशिक्षण की रिहर्सल की जायेगी।
संयुक्त अभ्यास के अंत में दोनों सेनाओं द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष एक समेकन एवं सत्यापन व्यायाम भी प्रस्तुत किया जायेगा, जिसके तहत दोनों राष्ट्रों की टुकडि़यां उप-इकाई स्तर के आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन प्रशिक्षण प्रस्तुत करेंगी।
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